राजनीतिक संवाददाता द्वारा
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा। ऐसे में सियासी माहौल तेजी के साथ गर्म होता दिख रहा है। ऐसे में राज्य की तरनतारन सीट सुर्खियों में हैं। दरअसल इस विधानसभा में लोगों का कहना है कि उन्हें खाना भले ही ना मिले लेकिन हथियारों का लाइसेंस जरूर मिले। बता दें कि कांग्रेस के खेमकरण उम्मीदवार सुखपाल भुल्लर के पिता गुरचेत सिंह भुल्लर ने भी निजी लाइसेंस वाले हथियारों को स्थानीय प्राथमिकता का अंश बताया था।
सीमावर्ती जिले में बंदूक के प्रति लगाव को सही ठहराते हुए, इस जिले के पट्टी से कांग्रेस विधायक हरमिंदर गिल का कहना है कि हमारे समर्थक चाहते हैं कि हम उनके लिए कुछ करें। वे हर तरह से हमारा साथ देते हैं। अगर वे अपनी सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है? गौरतलब है कि कांग्रेस ने गिल को एक बार फिर पट्टी से मैदान में उतारा है।
चूंकि पंजाब का तरनतारन उन जिलों में शामिल है, जहां जनसंख्या के अनुपात में सबसे अधिक हथियार जमा किए गये हैं। इसके अलावा 500 आवेदक शस्त्र लाइसेंस के लिए जिला प्रशासन की मंजूरी का इंतजार भी कर रहे हैं। साफ है कि यहां हथियारों के प्रति लोगों का आकर्षण भी खूब देखा जाता है।
चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद पंजाब में 3 लाख 90 हजार 170 हथियार जमा किए गए थे। इसमें सबसे अधिक 41 हजार 694 हथियार अमृतसर में जमा किए गए थे। जिसकी 2011 की जनगणना के अनुसार 26 लाख 52 हजार 112 की आबादी है। जबकि 13 लाख 88 हजार 525 की आबादी वाले बठिंडा में 25 हजार 042 हथियार हैं।
वहीं तरनतारन में 11 लाख 91 हजार 757 आबादी है। इसके मुकाबले यहां 23 हजार 993 सक्रिय बंदूक लाइसेंस हैं। इसके अलावा मोगा जिले में 10 लाख 59 हजार 895 से अधिक आबादी है और यहां 24 हजार 287 हथियार लाइसेंस हैं। बता दें कि राज्य में 10 फरवरी तक करीब 98.56 फीसदी हथियार जमा किए जा चुके थे।
तरनतारन में हथियारों के लाइसेंस की इतनी अधिक मांग को लेकर पट्टी विधायक हरमिंदर गिल ने कहा, “इसके पीछे कई कारण हैं। लेकिन मुख्य कारण यह है कि कई परिवारों ने गांवों के बाहर अपने खेतों में घरों का निर्माण कर लिया है। वे सुरक्षा के लिए हथियार चाहते हैं क्योंकि इलाके में कई चोर और लुटेरे हैं।